इस रंग की कुर्सी पर बैठने से रोजगार और धन के आगमन में होती है कमी
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भारतीय वास्तु और ज्योतिष शास्त्रों में रंगों, दिशाओं, धातुओं और वस्तुओं का बड़ा महत्व है। सभी वस्तुओं पर किसी न किसी ग्रह का अधिपत्य होता है। इसी तरह से हर दिशा, अलग-अलग ग्रह के अधीन होती है। भारतीय वास्तुशास्त्र के वास्तु पुरूष सिद्धांत के अनुसार व्यक्ति का कार्य क्षेत्र उसका आफिस तथा वो जहां बैठकर अपना रोजगार कमाता है दक्षिण दिशा को संबंधित करते हैं। इन स्थानों पर मूलत: मंगल का निवास होता है। इस स्थान पर आने वाली बाधाएं व्यक्ति को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से धन के क्षेत्र को प्रभावित करती हैं। कुछ इस तरह की कुर्सी पर बैठकर कारोबार करने से या आफिस में बैठने से व्यक्ति का समय खराब हो सकता है तथा चलते काम में बाधाएं आ सकती हैं। कुछ कुर्सियों पर न बैठें अन्यथा विभिन्न तरह की समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।
* लोहे की कुर्सी पर बैठने से व्यक्ति का कारोबार मंदा पड़ता है।
* ऐल्युमिनियम की कुर्सी पर बैठने से व्यक्ति को अचानक से हानि का सामना करना पड़ता है।
* काले रंग के आसन लगी हुई काली कुर्सीयों का इस्तेमाल करने से व्यक्ति के कार्यक्षेत्र में दुर्भाग्यपूर्ण हादसे होते हैं।
* भुरे अथवा नीले रंग की कुर्सी पर बैठने से अत्यधिक हानि अथवा लाभ की संभावनाएं बनती हैं।
* हरे रंग की कुर्सी पर बैठकर कार्य व्यापार करने से धन का आगमन बढ़ता है।
अगर आपके भी बैठक की कुर्सी भुरी, काली, नीली या लोहे अथवा अल्मिनियम की बनी है तो ये उपाय करके आप भी अपने रोजगार और धन के आगमन को बढ़ा सकते हैं।
* लाल रंग का आसन अथवा कुशन प्रयोग करने से जल्दी प्रमोशन होता है और बिजनेस अच्छा चलता है।
* हरे रंग का आसन अथवा कुशन इस्तेमाल करने से धन का आगमन बढ़ता है और रोजगार में विस्तार होता है।
* पीले रंग का कुशन इस्तेमाल करने से रोजगार से बाधाएं दूर होती हैं।
* सफेद रंग की कुशन इस्तेमाल करने से कार्य स्थल से समस्याएं खत्म होती हैं
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