जीवनसाथी से अनबन का कारण कहीं वास्‍तु दोष तो नही है


जीवनसाथी से अनबन का कारण कहीं वास्तु दोष तो नही है
क्या आपके #लाइफपार्टनर से आपकी नहीं बनती है? यदि आपका #जीवनसाथी आपके #रिश्ते को लेकर उदासीन है। हर छोटी सी बात आपसी अनबन का कारण बन गई हैं।
कुछ ऐसे ही वास्तुदोष जिनके होने पर #पति-पत्नी के सबंधों को बुरी प्रभावित करते हैं।
1 #गृहलक्ष्मी घर के ईशान कोण का बहुत ही महत्व है। घर के हर कमरे के ईशान कोण को साफ रखें, विशेषकर शयनकक्ष के। #पति-पत्नी में आपस में वैमनस्यता का एक कारण सही दिशा में शयनकक्ष का न होना भी है।
2 अगर दक्षिण-पश्चिम दिशाओं में स्थित कोने में बने कमरों में आपकी आवास व्यवस्था नहीं है तो प्रेम संबंध अच्छे के बजाए, कटुता भरे हो जाते हैं। शयनकक्ष के लिए दक्षिण दिशा निर्धारित करने का कारण यह है कि इस दिशा का स्वामी यम, शक्ति एवं विश्रामदायक है। घर में आराम से सोने के लिए दक्षिण एवं नैऋत्य कोण उपयुक्त है। शयनकक्ष में #पति-पत्नी का सामान्य फोटो होने के बजाए हंसता हुआ हो, तो वास्तु के अनुसार उचित रहता है।
3 घर के अंदर उत्तर-पूर्व दिशाओं के कोने के कक्ष में अगर शौचालय है तो #पति-पत्नी का जीवन बड़ा अशांत रहता है। आर्थिक संकट व संतान सुख में कमी आती है। इसलिए शौचालय हटा देना ही उचित है। अगर हटाना संभव न हो तो शीशे के एक बर्तन में समुद्री नमक रखें। यह अगर सील जाए तो बदल दें। अगर यह संभव न हो तो मिट्टी के एक बर्तन में सेंधा नमक डालकर रखें।
4 शयनकक्ष में अगर आईना रखने की आवश्यकता हो तो उसे इस प्रकार लगाना चाहिए कि सोते समय शरीर का प्रतिबिंब उसमें दिखाई न दे। अगर ऐसा होता है तो #पति-पत्नी के सामंजस्य में बाधा पहुंचती है।
5 पति-पत्नी के बीच विश्वास जगाती है पीली रंग की चादर पर सोना चाहऐं।
6 2 किलो आलू में हल्दी या केसर लगाकर गाय को खिलायें।
7 घर में आने लगे बार-बार #बिल्ली, तो हो जाएं सावधान।
अगर आपके घर में अचानक ही #बिल्लियों का आना बढ़ गया है तो इसे सामान्य बात मानकर अनदेखी नहीं करें। यह भविष्य में होने वाली घटना का सकेत हो सकता है। इसलिए सावधान हो जाएं और घर में #सत्यनारायण भगवान की पूजा करवाएं अथवा कोई हवन का अनुष्ठान करें। जिस घर में अक्सर #बिल्लियों का आना-जाना लगा रहता है उस घर में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहता है। एक के बाद एक समस्याएं आने के कारण घर का मुखिया तनाव में रहता है। #बिल्लियों के बारे में मान्यता है कि भोजन करते समय #बिल्ली आकर देखे तो कष्ट होता है। अगर मल मूत्र कर दे तो बड़ी हानि होती है। आज कल कुछ लोगों में #बिल्लियां पालने का शौक बढ़ा है। इसका कारण यह है कि बल्ली के घर में बार-बार आने से बिल्ली के दूध पी जाने का खतरा ही नहीं रहता बल्कि घर में नकारात्मक उर्जा बढ़ने लगती है। नादर पुराण में बताया गया है कि #बिल्लियों की पैरों की धूल जहां भी उड़ती है वहां सकारात्मक उर्जा की हानि होती है यानी शुभ का नाश होता है।
8 #विवाह पत्रिका कभी भूलकर भी न फाड़े क्योंकि इससे व्यक्ति को गुरु और मंगल का दोष लग जाता है।
9 घर में देवी-देवताओं की ज्यादा तस्वीरें न रखें और शयन कक्ष में तो बिलकुल भी नहीं।
10 सोने के कमरे में, और खासकर #विवाहित जोड़े के कमरे में, पूजाघर कदापि न बनाएं।
11 पूर्वजों की तस्वीरें न रखें।
12 अग्निकोण में सोने से #पति-पत्नी में वैमनस्यता रहकर व्यर्थ धन व्यय होता है।
13 ईशान में सोने से बीमारी होती है।
14 वास्तु के अनुसार हमेशा दक्षिण दिशा में सिर व पश्चिम दिशा में पैर करके सोना चाहिए ताकि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के अनुसार आप दीर्घायु एंव गहरी नींद प्राप्त कर सकें। पश्चिम दिशा की ओर पैर रखकर सोने से आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है। उत्तर की ओर पैर रखकर सोने से धन की वृद्धि होती है एवं उम्र बढ़ती है।
15 घड़ी को कभी भी सिर के नीचे या बेड के पीछे रखकर नहीं सोना चाहिए। घड़ी को बेड के सामने भी नहीं लगाना चाहिए अन्यथा बेड पर सोने वाला जातक हमेशा चिन्ताग्रस्त या तनाव में रहता है। घड़ी को बेड के बायी या दायी ओर ही लगाना हितकर रहता है।
16 बेडरूम में हल्के गुलाबी रंग का प्रकाश होना चाहिए जिससे #पति व पत्नी में अपसी प्रेम बना रहता है।
17 बेड रूम के दरवाजे के सामने पैर करके सोना भी अशुभ माना गया है।
18 #गृहस्थियों को शयन-कक्ष में सफेद संगमरमर नहीं लगावाना चाहिए| इसे मन्दिर मे लगाना उचित है क्योंकि यह पवित्रता का द्योतक है।
19 कार्यालय के कामकाज, अध्ययन आदि के लिए बैठने का स्थान छत की बीम के नीचे नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे मानसिक दबाव रहता है।
20 बीम के नीचे वाले स्थान में भोजन बनाना व करना नहीं चाहिए। इससे आर्थिक हानि हो सकती है। बीम के नीचे सोने से स्वास्थ्य में गड़बड़ होती है तथा नींद ठीक से नहीं आती।
21 जिस घर, इमारत आदि के मध्य भाग (ब्रह्मस्थान) में कुआँ या गड्ढा रहता है, वहाँ रहने वालों की प्रगति में रूकावट आती है एवं अनेक प्रकार के दुःखों एवं कष्टों का सामना करना पड़ता है।
22 घर का ब्रह्मस्थान परिवार का एक उपयोगी मिलन स्थल है, जो परिवार को एक डोर में बाँधे रखता है।
23 नैर्ऋत्य दिशा में यदि शौचालय अथवा रसोईघर का निर्माण हुआ हो तो #गृहस्वामी को सदैव स्वास्थ्य-संबंधी मुश्किलें रहती हैं। अतः इन्हें सर्वप्रथम हटा लेना चाहिए। चीनी 'वायु-जल' वास्तुपद्धति 'फेंगशुई' के मत से यहाँ गहरे पीले रंग का 10 वाट का बल्ब सदैव जलता रखने से इस दोष का काफी हद तक निवारण सम्भव है।
24 प्लॉट या मकान के नैर्ऋत्य कोने में बना कुआँ अथवा भूमिगत जल की टंकी सबसे ज्यादा हानिकारक होती है। इसके कारण अकाल मृत्यु, हिंसाचार, अपयश, धन-नाश, खराब प्रवृत्ति, आत्महत्या, संघर्ष आदि की सम्भावना बहुत ज्यादा होती है।
25 परिवार के सदस्यों में झगड़े होते हों तो परिवार का मुख्य व्यक्ति रात्रि को अपने पलंग के नीचे एक लोटा पानी रख दे और सुबह गुरुमंत्र का उच्चारण करके वह जल पीपल को चढ़ायें। इससे पारिवारिक कलह दूर होंगे, घर में शांति होगी।
26 घर के अंदर यदि रसोई सही दिशा में नहीं है तो ऐसी अवस्था में #पति-पत्नी के विचार कभी नहीं मिलेंगे। रिश्तों में कड़वाहट दिनों-दिन बढ़ेगी। कारण अग्नि का कहीं ओर जलना। #रसोई घर की सही दिशा है #आग्नेय कोण। अगर आग्नेय दिशा में संभव नहीं है तो अन्य वैकल्पिक दिशाएं हैं। आग्नेय एवं दक्षिण के बीच, आग्नेय एवं पूर्व के बीच, वायव्य एवं उत्तर के बीच। यदि हम अपने वैवाहिक जीवन को सुखद एवं समृद्ध बनाना चाहते हैं और अपेक्षा करते हैं कि जीवन के सुंदर स्वप्न को साकार कर सकें
27 रसोई का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा प्लेटफार्म हमेशा पूर्व में होना चाहिए और ईशान कोण में सिंक व अग्नि कोण चूल्हा लगाना चाहिए। पानी फिल्टर ईशान कोण में लगाएँ।
28 रसोई के दक्षिण में कभी भी कोई दरवाजा या खिड़की नहीं होने चाहिए। खिड़की पूर्व की ओर में ही रखें।
29 रंग का चयन करते समय भी विशेष ध्यान रखें। #महिलाओं की कुंडली के आधार पर रंग का चयन करना चाहिए।
30 रसोई में कभी भी ग्रेनाइट का फ्लोर या प्लेटफार्म नहीं बनवाना चाहिए और न ही मीरर जैसी कोई चीज होनी चाहिए, क्योंकि इससे विपरित प्रभाव पड़ता है और घर में कलह की स्थिति बढ़ती है।
31 अन्नागार, गौशाला, रसोईघर, गुरू स्थल व पूजागृह जहां हो उसके ऊपर शयनकक्ष न बनाएं । यदि वहां शयनकक्ष होगा तो धन-संपदा का नाश हो जाएगा ।
32 परिवार के सदस्यों में माधुर्य भाव बना रहे, इसके लिए सभी सदस्यों का एक हंसमुख सामूहिक चित्र ड्राइंगरूम में लगाना चाहिए ।
33 दिन में एक समय या 5 दिन में एक बार परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ भोजन करना चाहिए । इससे परस्पर संबंधों में प्रगाढ़ता आती है ।
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